Become Expert In 10 minutes, On Motor Insurance Claim Process No Tension : अगर नहीं जानते ये नियम, तो बहुत पछताना पड़ेगा, मोटर क्लेम में एक रूपया भी नहीं मिलेगा

Motor Insurance Claim Process
Ab koi Tensiona Nahi hai Thanks to this blog post

Introduction of Motor Insurance Claim Process I इंट्रोडक्शन

समय समय पर बदलती दुनिया में हमेसा अस्थिरता रहती है, ऐसे में Motor Insurance Claim Process को जान लेने से मन को शांति मिलती है। लेकिंन अगर आपको क्लेम लेते समय इसके बारे में न पता हो तो आप बरी मुश्किल में पर सकते हैं।

हम अपने इस ब्लॉग पोस्ट में आपको ये बतलायेंगे की अगर कभी आपको Motor Insurance क्लेम लेना है तो उसका सटीक प्रोसेस क्या होता है।

Understanding the Motor Insurance Claim Process I मोटर इन्शुरन्स क्लेम प्रोसेस करने का तरीका कुछ इस प्रकार से होता है

1. Claim Form Fill up while taking motor insurance claim I क्लेम फॉर्म को सही से भरना

अपने इस ब्लॉग पोस्ट के द्वारा हम अपने पाठकों को ये बताते हैं की क्लेम रजिस्टर करने की सही प्रकिया क्या है। जब गाड़ी में कोई एक्सीडेंट होता है तो पहला जो काम होता है इन्शुरन्स कंपनी को इस घटना के बारे में बताना जो की हमारा डीलर कर देता है

लेकिंग बड़े एक्सीडेंट होने पर हम भी इन्शुरन्स कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके के अपना क्लेम इंटिमेट या रेजिस्टर करवा सकते है ऐसे में सर्वेयर स्पॉट सर्वे आकरके कर देगा।

जो की सबसे अच्छा और उत्तम तरीका होता है , इसमें परेशानी अवस्य होता है लेकिन क्लेम मिलने का चांस बहुत ज़्यादा होता है।

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2. Documentation Requirements For Motor Insurance Claim Process I आवश्यक डॉक्यूमेंट जो मोटर इन्शुरन्स क्लेम में चाहिए

क्लेम मिलने में कोई परेशानी न हो इसके लिए बहुत आवस्यक होता की सभी ज़रूरी डॉक्यूमेंट की जानकारी आपको हो जिसे कोई भी मोटर इन्शुरन्स कंपनी, क्लेम प्रोसेस में मांगती है।

ये सभी डाक्यूमेंट्स, क्लेम लेने से पहले डीलर पॉइंट सब्मिट कर देना चाहिए ताकि वो लोग आपके गारी का क्लेम इंटिमेशन कर दे।

  • A. भरा हुआ क्लेम फॉर्म थर्ड पार्टी डेक्लेरेशन के साथ
    A1. इन्शुरन्स पालिसी पेपर
    B. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
    C. रोड टैक्स रिसीप्ट
    D. वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस
    E. पैन कार्ड
    F. रिपेयर एस्टीमेट ऑफ़ डीलर
    G. FIR या G.D थर्ड पार्टी डैमेज होने पर
    H. फिटनेस सर्टिफिकेट (कमर्शियल गाड़ी होने पर)

3. Claim Inquiry I कार एक्सीडेंट सर्वे

एक बार Motor Insurance Claim हो जाने पर उस गाड़ी के डैमेज को डिटेल में पता करने के लिए एक सर्वेयर को न्युक्त किया जाता है। वो सर्वेयर गाड़ी के डैमेज को अच्छे से जांचता है और उसके एक्सटेंट यानि की फैलाव का पता करता है।

इसके बाद अगर सभी चीज़ें नियम के अनुसार हो और डाक्यूमेंट्स सही होने पर वो आपके डीलर को वर्क आर्डर देता है,

उसके तुरंत बाद आपका डीलर आपको इसकी जानकारी दे देता है। हलाकि इन्शुरन्स कंपनी का सर्वेयर भी आपको फ़ोन पर ये बता देता है की आपको क्या क्या मिला है।

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Tips for faster claim process I क्लेम जल्दी सेटल करने के कुछ विशेष युक्ति

1. Prompt Information of accident I मोटर एक्सीडेंट की शीघ्र रिपोर्टिंग

एक बार गाड़ी में एक्सीडेंट के होने के तुरंत बाद मोटर क्लेम लेने के लिए इसकी जानकारी इन्शुरन्स कंपनी को है। नार्मल घंटे के अंदर आपको क्लेम इंटिमेशन करना होता है। कुछ विशेष परिस्थिति में ही 24 घंटे बाद क्लेम को इन्शुरन्स कंपनी एक्सेप्ट करती है जैसे की दुर्घटना में कार ओनर का बुरी तरह से घायल हो जाना।

2. Proper Document Submission I सटीक दस्तावेज़ीकरण

दस्तावेज़ीकरण में सटीकता सर्वोपरि है. अनावश्यक देरी से बचने के लिए प्रासंगिक दस्तावेजों द्वारा समर्थित स्पष्ट और संक्षिप्त जानकारी प्रदान करें।

3. Communication is Key I प्रॉपर कम्युनिकेशन इन्शुरन्स कंपनी के साथ

क्लेम रिलेटेड कुछ भी जानकारी के लिए आप अपने डीलर जहाँ अपनी गाड़ी को बनाने के लिए दिए होते हैं वहां से ले ले। जैसे की सर्वेयर का नाम और टेलीफोन या मोबाइल नंबर ,ताकि जब कभी कोई जानकारी डायरेक्ट इन्शुरन्स कंपनी से अगर आपको जानना हो आपकी गाड़ी के क्लेम रिलेटेड तो अप्प वहां से पता कर पाएं।

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Our commitment to excellence I क्लेम रिलेटेड जानकारी में हमारे साथ का क्या मतलब है

हम अपने इस ब्लॉग पोस्ट वेबसाइट जिसका नाम है www.devasena.org में ये प्रयास करते हैं की जो भी हमारा रीडर हो उसे दिए गए विषय पर इतनी जानकारी अवस्य हो जिसकी सहायत से वो अपनी गाड़ी का क्लेम लेते समय पूरा कॉंफिडेंट हो और हम इसके परती प्रतिबद्ध भी हैं।

conclusion I निष्कर्ष.

Motor Insurance Claim Process को आसानी से नेविगेट करना इतना सां भी नहीं होता जितना हमे वो लगता है लेकिन हमारे इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से आप आपको कोई परेशानी नहीं होगी। अगर आपको इसके रिलेटेड कोई और जानकारी चाहिए तो प्लीज कमेंट बॉक्स में अपने प्रश्ना को लिखे और हमे भेज दे हम २४ घंटे या उससे पहले आपको रिप्लाई कर देंगे।

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What is the procedure for claiming motor insurance in India?

हमारे देस भारत में मोटर क्लेम के बहुत आसान तरीका है। सबसे पहले हमे अपनी गारी को अपने डीलर पॉइंट के पास ले जाना होता है , वहां डीलर को जैसे ही हम अपना सारा डॉक्युमेंट हैंडओवर कर देते है और क्लेम फॉर्म को फिल करने के बाद हमारी छुट्टी क्यूंकि सारा काम डीलर वाले कस्टमर रिटेंशन के कारन खुद ही आप के होकर कर देते हैं।

What are the types of claims in motor insurance?

इन्शुरन्स में क्लीयम हम मुख्यतह दो तरह के गेनेराल्ल्य रिपोर्ट होते हैं पहला है ओन डैमेज यानि की गारी का डैमेज होने पर रिपेयर और दूसरा होता है थर्ड पार्टी डैमेज को भी हम मोटर क्लेम के अंतर्गत ले सकते हैं इसके अलावा occupant कवर या पेड ड्राइवर का क्लेम भी ले सकते है अगर एक्सटेंशन में ये ऐड हो तो।

What is the process of settlement with time of motor insurance?

साधारण रूप से आज के इस डिजिटल योग में सभी डीलर OEM का सभी इन्शुरन्स कंपनी के साथ कैशलेस neft एग्रीमेंट होता है और कस्टमर को सिर्फ पालिसी एक्सेस पाय कर के गाड़ी अपनी ले जाना ही होता है कुछ कंडीशन के साथ। इसके अलावा अगर डीलर से उसे कैशलेस की सुविधा ना मिले तो कस्टमर अपनी बिल की पूरी राशि भुगतान करने के बाद, बिल को सीधा इन्शुरन्स कंपनी को जमा कर देता है तो ७ से १५ दिन में आपको पेमेंट चेक या नेफ्ट के थ्रू आपको पैम्नेट रैम्बुरसे कर दिया जाता है।